जब अंकल मुझे जोर जोर से चोद रहे थे तो ऊपर से माँ आ गयी और माँ ने यह सब देखा तो मेरे पर जोर से चीलाई और अंकल को कहा मुझे तो चोदता था मेरी बेटी को भी चोदने लगा अंकल बेड से उठ कर माँ के पास चले गये और बोले क्यों बोल रही है इसमें हम तीनो की बदनामी है और हम दोनों की चुदाई रौशनी ने देख ली थी और मैंने मुश्किल से ही इसे पटाया है
मेरा नाम रौशनी है और आपने पहली कहानी में पढ़ा था की मैंने माँ और उसके यार की चुदाई मैंने रात की छुप कर देखि थी और चुदाई को देखकर मेरा भी मन चुदने का करने लगा और में माँ के यार से ही अगले दिन चुदने लगी और वही उपर से माँ आ गयी
माँ जब जोर से चीलाई में तो डर गयी और अंकल मेरे उपर से उठ कर दुसरे कमरे में माँ को ले गये और एक दुसरे से बाते करने लगे और मुहे नही मालूम माँ को अंकल ने कैसे समझाया और बहुत टाइम से बाते कर रहे थे
मेरे मन को चेन नही आ रहा था इसलिए में कमरे की तरफ चली गयी और उनकी छुप कर बाते सुनने लगी अंकल ने कहा माँ से रौशनी की उम्र हो गयी है चुदने की और ये बात अगर बाहर चली गयी तो हम तीनो की बदनामी होगी
इसलिए जो हो रहा है उसे चलने दे और आज से हमे भी छुप कर चुदाई नही करनी पड़ेगी माँ बोली वो तो ठीक है पर रोशनी मेरे बारे मै क्या सोचे गी
मैंने जब माँ की बात को सुना तो कमरे के अंदर चली गयी और माँ को पीछे से गर्दन चूमने लग इओर माँ का मुड बनाने लगी वही अंकल भी माँ की सलवार के ऊपर से माँ की चूत को रगड़ने लगे और हम दोनों माँ का मुड बनाने के लिय्रे
मैंने कहा माँ मुझे पता है आप अंकल से क्यों चुदती हो अपनी जरूरत पूरी करने के लिया और आज से हमे कोई नही रोके गा और जितना मन हो आपका चुदने का आप चुदो मै किसी को नही बताउंगी
मेरी बात सुनकर माँ सोचने लगी और माँ ने अंकल लंड के उपर हाथ रख दिया और हम दोनों समझ गये की मा मान गयी है
अंकल ने कहा आज तुम दोनों माँ बेटी को एक साथ जन्नत दिखाता हूँ और अंकल माँ के होठो को चूसने लगे वही माँ भी गर्म हो चुकी थी और माँ भी अंकल के लं को सहलाने लगी
मै माँ के बूब्स को मसलने लगी और बूब्स को मसलते मसलते माँ की कमीज को उतार दिया और माँ ने ब्रा नही पहनी हुई थी
मै अपने कोमल कोमल हाथो से बूब्स को मसलने लगी वही अंकल ने माँ की सलवार को भी उतार दिया माँ ने पेंटी भी नही पहन रखी थी और हम दोनों ने माँ को पूरी नंगी कर दिया
अंकल ने माँ को बेड पर लिटा दिया और माँ की चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा मै भी माँ के दूध को पिने लगी और माँ भी मेरे बूब्स को मसलने लगी और हम तीनो इतना वासना में डूब गये थे हम सब रिश्तेदारी भूल गये पर हमे बहुत मजा आ रहा था
मैंने अंकल के लंड को अपने हाथ में लिया और अपने मुंह से थूक निकाली और लंड पर लगा दी
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मैंने लंड को पकड़ कर माँ की चूत पर सेट कर दिया वही अंकलने भी जोर से दक्का मारा मा की चूत में और एक ही झटके के अंदर पूरा लंड डाल दिया और माँ की भी चीख निकल गयी और मै माँ के होठो को चूसने लही वही अंकल माँ की चूत को जोर जोर से चोद रहे थे
मै भी माँ से अपनी चूत को चटवाने लगी और मुझे बहुत मजा आ रहा था अंकल का भी चोदते चोदते मजा निकल गया और अंकल पास में आकर लेट गये माँ का भी पानी निकलने लगा
फिर मैंने अंकल के डिले लंड को हाथ में पकड़ा और अपने जीभ से लंड के टोपे के उपर लगे मजे को चाटने लगी और अपने मुंह में डाल लिया लंड को जोर जोर से चूसने लगी
अंकल का भी लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा और अंकल का भी फिर से मुड बनने लगा अंकल मेरी गांड पर अपने हाथ फेरने लगी और मेरी गांड में अपनी ऊंगली को डालने लगे वही मैंने लंड को चूस चूस के लोडे में बदल दिया