मैं गंगानगर में मकान किराये पर रहता था और मुझे उनकी लड़की पसंद आ गयी और मैंने उसे पकड कर उसकी चुदाई की अब ये हुआ कैसे ये जानते है ……
मेरा नाम दीपक है मैं राजस्थान के एक छोटे से बीकानेर से हूँ और हम बीकानेरी अपने खान पान के फेमस है और बात भी यही से शुरू होती है |
मैं पढाई करने के लिए गंगानगर गया हुआ था मैंने काफी करने के बाद होमलैंड सिटी में एक मकान लिया और मैं वहा रहने लग गया |
मेरे मकान मलिक के दो लड़कियां थी एक उनकी बेटी थी और एक उनके भाई की बेटी थी |
एक दिन की बात है मैं छत पर खड़ा था और साथ वाली छत पर मेरे मकान मालिक की लड़की खड़ी थी और वो अपने बाल सुखा रही थी |
मैं उसको देखता ही रह गया और क्या माल था यार मेरा तो लंड उसी टाइम खड़ा हो गया और मैंने आज तक सेक्स नही किया था बस अपने हाथ से काम चला लिया करता था या एक दो लडको की गांड मारी थी |
काफी दिन बीत गये मैं उस लडकी को ऐसे ही देखता रहा और वो भी मेरे को देखती थी शायद मैं भी उसे पसंद था मैं भी देखने में ठीक था ये बात 2016 की है और उस टाइम हर किसी के पास मोबाइल नही होता था |
मेरा लक देखो मैं उस टाइम एक एंड्राइड और एक कीपैड मोबाइल रखा करता था |
कुछ तो मेरे से वेसे ही इम्प्रेस हो गयी |
एक दिन मैंने खाना बनाया और मेरे से सब्जी थोड़ी ज्यादा बन गयी और मैं वो सब्जी को लेकर मकान मालिक के घर चला गया |
मैं सब्जी बनाने में माहिर था |
अंकल आंटी ने और सभी ने मेरी बनाई हुए सब्जी खाई और सभी ने तारीफ की |
दुसरे दिन सुबह सुबह मैं उस लडकी को देखने के लिए छत पर चढ़ा और आज उसने मुझे बुलाया और बोला की सब्जी बड़ी स्वाद बनाते हो |
मुझे भी खिलाओ कभी मैंने उससे कहा की आपने नि खायी क्या रात |
उसने कहा की आप अपने हाथ से खिलाओ फिर खायेंगे हम तो ?
मैं समझ गया की लोहा गर्म है चोट मार देनी चाहिए |
मैंने उससे कहा आपका नंबर देदो मैं जब खाना बनाऊंगा तब आपको कॉल कर दूंगा |
उसने कहा की मेरे पास मोबाइल नही है आपके पास है तो देदो मेरे को |
मैं निचे गया और अपना मोबाइल लेकर सिम के साथ ही मैंने उसको दे दिया और रिचार्ज कर दिया |
कुछ देर में ही उसका कॉल आ गया और मैं उसेसे बात करने लग गया और मुझे पता चला की उसका नाम आरती है और उसकी उउम्र 16 साल की है | यानि अभी तक तो वो जवान भी नही हुई |
काफी दिन हम एक दुसरे को जानने में निकाल दिए मुझे खुद को पता नही चला की कब मैं उससे प्यार करने लग गया और वो भी मेरे से पयर करने अलग गयी |
एक दिन की बात है शाम की मैं कपडे सुखाने के लिए छत पर चढ़ा और उसको कॉल किया और छत पर बुला लिया और मैंने उससे कहा की जानू एक किस देदो |
मेरा भी पहली बार था और मैं डर भी रहा था थोडा थोडा |
वो छत पर आ गयी और मैंने पहली बार उसको किस किया सच में दोस्तों पहली बार अहसाह सच में बड़ा मजेदार होता है |
जब मैं उसके पास गया तो उससे एक अलग ही खुसबू आ रही थी और मैं जल्दी से उसके किस किया और भाग कर अपने रूम में आ गया |
मैंने रूम पर आने के बाद उसको कॉल किया और पूछा की कैसा लगा |
आरती बोली :- बहुत अच्छा |
अब हम रोजाना किस करने लग गये और हम दोनों थोडा थोडा खुलने लग गये |
जैसा की मैंने बताया था उसकी साथ उसके चाचा की लड़की भी थी |
मेरे साथ भी के लड़का रहता था मेरे ही कॉलेज का जब मैंने आरती को सेट किया उसने भी आरती की सिस्टर को सेट कर लिया और आरती की सिस्टर तो बड़ी थी |
वो दोनों तो दुसरे दिन ही मिल लिए और उन्होंने तो किस से लेकर सेक्स तक सब कुछ कर लिया |
अब बारी मेरी थी मैंने अपने दोस्त को कहा की यार मुझे भी मिलवा दे ?
मेरा दोस्त बोला की कोई न बात रता हूँ पिंकी आरती के चाचा की लडकी ) से |
मेरी सेटिंग बैठ गयी रात को |
मैंने अपनी झांटों को काट कर साफ कर लिया और रात के लिए रेडी हो गया मेरा पहली बार था तो मैं मेडिकल से मेनफ़ोर्स की गोली ले आया |
मेरे मन में था की कही सेक्स करने जाऊ और साला ये खड़ा ही न हो |
शाम हुई और मैने गोली खाली और 8 बज चुके थे और मैं और मेरा लंड दोनों रेडी थे |
करीब 10 बजे आरती का कॉल आया और हम दोनों बातें करने लग गया और आरती ने बताया की उसका भी पहली बार ही है और पिंकी ने बताया है की पहली बार दर्द होता है |
जानू दर्द मत करना मैं रोने लग जाउंगी और मुझे चोकलेट चाहिए खाने के लिए |
मैंने बाइक उठाई और जल्दी से बाजार से चोकलेट ले आया |
रूम पर आने के बाद मैंने आरती को कॉल किया |
दोस्तों गर्लफ्रेंड की चुदाई सेक्स स्टोरी में उस टाइम ठण्ड बहुत थी और मैं ठंड से काम्पने लग गया था और बोला बाबु आपकी चोकलेट ने सर्दी चढ़ा दी है अब आपको ही दूर करनी है मेरी सर्दी |
आरती हसने लगी बोली आओ तो सही |
मैं छत पर चला गया और मेरा दोस्त मेरे ऊपर वाले रूम में था और मैंने अपना बिस्टर छत पर लगा रखा था |
आरती और उसकी बहन दोनों आ गये मैं दोनों के ले आया था चोकलेट मैंने पिंकी को उसकी चोकलेट दी और उसे निचे वाले रूम में बेज दिया |
अब छत पर मैं और आरती दोनों की थे पहले तो मैंने उसे कहा की निचे बिस्टर में बैठ जाओ |
आरती और मैं दोनों बिस्टर में बैठ गये और फिर आरती बोली की मेरी चोकलेट कहा है ?
मैंने अपनी जेब से बड़ी सारी चोकलेट निकली और उसको देदी |
हम दोनों 10 मिनट बातें करते रहे |
मुझे ठण्ड लगने लग गयी मैंने आरती से बोला जानू बिस्टर के अन्दर चलते है मुझे सर्दी लग रही है |
मैं और आरती एक ही रजाई में थे और एक दम पास पास |
मेरी सांसे गर्म होने लग गयी और मैंने आरती को पकड़ कर अपने गले से लगा लिया |
आरती भी गले से लगने के बाद बोली जानू मुझे कभी छोड़ तो नही दोगे |
मैंने कहा की पागल है |
अब मैंने टाइम वेस्ट न करते हुए आरती के होंठो पर अपने होंठ रख दिए |
कुछ देर तक तो आरती वैसे ही पड़ी रही पर कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लग गया और अब आरती भी अपनी जीभ को मेरे होंठो पर चलने लग गयी |
मैं और आरती 10 मिनट तक किस करते रहे फिर मैंने अपने एक हाथ को आरती के बूब्स पर रख दिया |
उसके बूब्स बिलकुल छोटे छोटे थे क्यूंकि अभी उसकी उम्र नही हुई थी |
मैंने कहा जानू आपकी टीशर्ट उतारों मुझे आपके बूब्स को किस करना है |
कुछ देर तो वो मना करती रही फिर मैंने दक्के से पकड़ कर उसकी टीशर्ट को निकाल दिया |
अब वो ऊपर से बिलकुल नंगी हो चुकी थी मैं उसके बूब को अपने मुहं में दबाने अलग गया |
अब आरती को भी वासना चड़ने लग गयी और वो भी मेरे बालों में हाथ फेर रही थी |
कुछ देर बाद मैं अपन हाथ को उसकी चुत की तरफ ले गया और लोअर के उपर से उसकी कुंवारी बुर को मसलने लग गया |
उसकी आँखे बंद होंने लग गयी |
अब मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी लोअर को निकाल दिया अब वो सिर्फ पेंटी में थी मैं उसकी पेंटी का कलर नहियो देख पाया क्यूंकि रात थी |
मैंने मैंने फिर से किस करने लग गया रो उसके साथ साथ मैंने उसकी पेंटी को भी निकाल दिया |
अब आरती एक दम नंगी मेरे साथ सोई हुई थी |
सच में दोस्तों ये बहुत मजेदार अहसास था |
ए.बी.ए. मैंने अपने भीकपडे भी खोल दिए ओअर अब हम दोनों बिना कपड़ो के थे |
अब म मैंने अपने लंड को आरती के हाथ में दिया उसने एक बार तो हाथ में पकड लिया और फिर एक दम से डर कर छोड़ दिया |
मैंने पूछा क्या हुआ |
बोली कुछ नही बस ऐसे ही |
मैंने दुबारा से उसके हाथ में लंड दे दिया और उसे बताया की इसको पकड क्र आगे पीछे करो |
अब मैं उसकी चुत में ऊँगली करने लग जब मैंने ऊँगली की कुंवारी बुर में डाली तो उसकी एक दम से चीख निकल गयी |
बोली बाहर निकालो दर्द हो रहा है |
मैंने कहा जानू ये तो ऊँगली है अभी तो आपने जो हाथ में ले रखा हिया वो डालना है अन्दर |
आरती बोली जानू ये नही जायेगा अंदर मेरे दर्द होगा यार बहुत ज्यादा |
मैं काफी देर तक उसकी बुर में ऊँगली करता रहा अब आरती को भी मजे आने लग गये मोर अब आरती भी मेरे पीठ पर हाथ फेरने लग गयी और बोलने लगी नकी यार मुझे अजीब सा हो रहा है |
मैं अब खड़ा हुआ और उसकी चुत पर सरसों का तेल लगाया जिसे मैं अपन साथ लेकर आया था और उसके बाद थोडा तेल अपने लंड पर लगाया |
मैं फिर से उसके ऊपर लेट गया और एक हाथ से उसकी चुत में अपना लंड सेट किया एक झटके में अपना लंड की उसकी कुंवारी बुर में पेल दिया |
जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चुत में डाला था तो आरती चिलाने लगी और मुझे धक्का देने लग गयी और बोलने लगी मुझे नही करना कुछ भी छोड़ दो मुझे |
पर मैं कहा मानने वाला था मैंने उसे चुप कराया की आवाज बाहर चली जाएगी और मैंने उससे कहा की बस इतना ही डालूँगा |
मैं अब जितना लंड डाला था उतने को ही आगे पीछे करने लग गया और साथ साथ में उसके होंठों को लॉक कर दिया यानि उसके होंठ नपर अपने होठ रख दिए |
अब आरती शांत हो गयी मैंने देखा की अब मौका है और मैंने उस पकड़ कर एक और झटका मार दिया |
अबकी बार तो वो रोने लग गयी अगर मैंने उसके होंठ खुले छोड़ दिए होते तो वो अपने घर वालों को बुला लेती साली |
अब मैं उसको चुप कारन लग गया |
और उसके साथ उसको किस भी कर रहा था पर वो किस करने नि दे रही थी |
करने भी क्यों दे बेचारी की छोटी सी बुर में लंड पेल दिया मुझे बोली साइड हो के बार |
मैं निचे उतर गया और उसने अपनी चुत को देखा मोबाइल के टौर्च के |
उसकी बुर से खून निकल रह था और मैने देखा की क्या ही कमाल थी उसकी बुर |
मैं बहुत खुस हुआ की पहली बार सेक्स किया और वो भी सिल पैक मिली है |
अब मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी बुर में फिर से लंड पेल दिया और अब मैं रुके बिना चुदाई करने लग गया |
कुछ ही टाइम निकला अब आरती को भी मजा आने लग गया |
आब वो भी आह्ह्ह… जानू मजा आ रहा है बहुत ….और साथ साथ मेरे होंठो को खाने लग गयी |
मैंने उसे उस दिन दो बार चोदा |
पहली बार मैंने 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद अपना माल उसकी बुर में ही निकाल दिया |
अब हम दोनों साथ म,इ लेट गये और चोकलेट खाने लग गये |
अब मैं फिर से उसे किस करने लग गया और उसके बाद आरती भी मुझे किस करने लग गयी और इस बार उसको भी मजे आ रहे थे |
मैं खड़ा हुआ और उसकी टांगों को उठा कर उसकी चूत में लंड को पेल दिया अब बार उसे दर्द कम और मजा जायदा आया |
जब मेरा लंड उसकी चूत में गया तो उसकी एक छोटी सी आह निकल गयी |
अब मैने उसे कारीब आधे घंटे तक उसकी बुर को फाड़ा |
अब मैं भी और आरती भी बिलकुल थक चुके थे |
अब टाइम भी काफी हो गया था और हम दोनों साथ में ही सो गये सुबह 5 बजे आरती उठी और मुझे काफी देर किस करने के बाद अपने रघर चली गयी |
तो ये थी मेरी अपने मकान मालिक ई बेटी के साथ सेटिंग की उसकी कुंवरी बुर को चोदा और उसकी सिल तोड़ने का मजा लिया |
अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा की मैंने कैसे आरती की गांड मारी | मैंने कैसे पूरी सर्दी सर्दी आरती की चुदाई की |