हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अर्श है और मेरी हाइट ५ फीट है और मैं दिखने में काफी हैण्ड सम हूँ और हमारा परिवार काफी बड़ा है और हम खेत में के बिच में बनाए हुई दाणी में रहते है | मेरे दादा जी तीन भाई और और मेरे सबसे छोटे दादा जी की बेटी यानि मेरी बुआ उनका नाम विद्या ( बदला हुआ ) |
मैंने अपनी भुआ को खेत में कैसे चोदा और उन्होंने मेरा लंड क्यों पकड़ा आपको विस्तार से बताता हु|
मैं हनुमानगढ़ डिस्ट्रिक के एक छोटे से गावं में रहता हूँ | दोस्तों मैं काफी समय से XXX सेक्स स्टोरी का पाठक हु और काफी से सोच रहा था की आप सभी को मेरी सची घटना के बारे में बताऊ तो आज मैंने हिम्मत करके ये कहानी लिखि है अगर कोई गलती हो जाये माफ़ कीजियेगा |
हम खेत में रहते थे तो हम खेतो में पशु भी रखते थे क्यूंकि हमारा दूध और खेती बाड़ी का काम था तो हम चारा भी अपने खेतों में से लाते थे और मेरी एक बड़ी सिस्टर थी उसकी शादी हो गयी थी हमारे घर में कोई लड़की नही थी मम्मी मुझे अपने साथ ले जाती थी पशुओं के लिए चारा लेने के लिए और एक दिन मेरी बुआ विद्या मेरी मम्मी से मिली और बोली हमारे खेतों में चारा काफी है क्यूंकि उनके पशु कम थे और जमीन ज्यादा तो चारा भी काफी था और दसूरे दिन म जब स्कूल से आया तो मम्मी ने मुझे बोला की आज तुजे अपनी बुआ के खेत से चारा लेके आना है और तू ऐसे कर चला जा और वहां से अपनी दादी और बुआ के साथ चले जाना और चारा ले आना मैंने भी हाँ करदी और निकल गया विद्या बुआ के घर की तरफ और वहां जाकर मैंने विद्या बुआ को बोला की चलाए बुआ चारा लेने तो बुआ ने भी अपनी मम्मी को बोला की मम्मी चारा लेने चले लकिन उनकी मम्मी ने बोला की अगर तेरे साथ अर्श जा रहा है तो मुझे क्यों तंग कर रही है तुम दोनों ही ले आओ |
मैं हमारे पुरे परिवार में सबसे छोटा और सबका लाडला था तो सभी मेरा बहुत प्यार करते थे और कुछ देर बाद मैं और मेरी बुआ विद्या खेत की तरफ निकल गये और दोस्तों सर्दी का मौसम था और खेतों में हरी और पिली सरसों थी और बुआ बोली की अर्श ऐसे करते है कुछ जोई का चारा काट लेते है कुछ सरसों के पत्ते तोड़ लेते है चारा जल्दी बना जायेगा |
मैंने भी हाँ भर दी और मैं और बुआ सरसों के पत्ते तोड़ने लग गये | मुझे नि पता था की बुआ के मन में क्या चल रहा था मैं तो बस सरसों के पत्ते तोड़ने में लगा हुआ था और थोड़ी देर में हम दोनों ने जल्दी जल्दी चारा बना लिया और गठरी बंद कर साइड में रख दी और बुआ बोली की अर्श अपने इतना जल्दी फ्री हो गये है तो क्यों न एक खेल खेलें मुझे नि पता था की क्जोंसा खेल खेलौना था पर मैंने हाँ करदी और बुआ बोली तू छिप नम तुजे ढूढ ती हूँ |
मैं छूप गया और बुआ ने मुज्के ढूँढना शुरू करदिया और कुछ देर बाद बुआ जान बुझ कर सीदा मेरे लंड को पकड़ लिया मेरे लंड को किसी ने पहली बार पकड़ा था तो म थोडा शर्मा गया और दूर हो गया फिर बुआ ने कहा म छुपती हु तू दूँदना मुझे मैंने आँखे बंद की और 10 तक गिनती गिनने लग गया परन्तु बुआ छिपी नि और निचे बैठ गयी और मेरे लोअर को उतार दिया और जब बुआ ने मेरे लंड को हाथ लगाया था तो लंड खड़ा हो गया था और बुआ को इसका पता पहले ही चल गया जब बुआ ने मेरा लोअर निकाला तो मैं एक दम से चौंक गया और बोला बुआ ये क्या कर रहे हो बुआ बोली खेलना भी शुरू होगा असली वाला |
मैं भी खड़ा खड़ा उसको देखता रहा और उन्होंने मेरे लंड को निकाल कर चुसना शुरू कर दिया और बड़े मजे से चूसने लग गयी जैसे ही बुआ ने मेरा लंड अपने मुहं में डाला तो मेरे से सिस्कारियां निकलने लगी और मुझे बहुत मजा आने लगा और तभी बुआ खड़ी हुई और उन्होनें मेरा सिर [पकड़ आकर अपनीं चूत पर सेट किया और मैंने भी बड़े मजे से बुआ की चूत को चाटना शुरू कर दिया वाह क्या चूत थी छोटे छोटे बाल थे और उनकी चूत से अलग प्रकार की महक आ रही थी और मैंने भी पूरा तन मन से बुआ की चूत को चाटना शुरू कर दिया |
थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये और थोड़ी देर में हम दोनों का पानी निकल गया और हमने एक दुसरे का पानी पि गये और हमें घर से आये हुए बहुत टाइम हो गया था और तो हमने अपने अपने कपडे सही किये और अपना अपना चारा उठाया और अपने अपने घर चले गये |
घर आने के बाद शाम का खाना खाने एक बाद मैं सिर्फ बुआ की चूत के ख्यालों में खोया रहा और और दूसरा दिन हुआ और दोपहर की चाय पीकर मैं फिर से चारा लेने के लिए तैयार हो गया और आज भी मम्मी ने बोला की बुआ के साथ ही चला जा | मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नही मैं बुआ के घर और वहां जाके मैंने बुआ को देखा तो आज बुआ बहुत ही सेक्सी लग रही थी
पता नी क्यू हम दोनों खेत चले गये और सबसे पहले चारा काटा और बाद में मैंने बुआ के बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और फिर मैंने बुआ को निचे लिटाया और बुआ की चूत पर अपना लंड सेट किया और एक झटका मारा और आधा लंड बुआ की चूत में चला गया बुआ ने पहली बार सेक्स किया था तो बुआ की जोर से चीख निकल गयी और मैंने जैसे तैसे बुआ को चुप कराया और मैं कुछ देर रुका रहा और कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे घस्से मारने शुरू कर दिये |
अब बुआ को भी मजा आएं लग गया था और हमने उस दिन २ बार सेक्स किया और जब दूसरी बार हुआ तो हमें याद आया की हम घर जाने के लिए बहुत लेट हो चुके है दोनों जल्दी से उठे और घर की तरफ निकल गये |
तो दोस्तो, यह थी मेरी एक और सच्ची और सेक्सी कहानी।
कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल कर के जरूर बताना और अगर कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ कर देना।
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