मेरी बेटी और मेरा दामाद दोनों को मैंने रात को सेक्स करते हुए देखा और जवाई का लंड देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया अगले दिन मैंने अपने जवाई को बूब्स दिखाकर उकसाया और अपने बदन को मालिस के बहाने टच करवा कर दामाद का लंड खड़ा कर के अपनी चूत में लगी आग को शांत किया |
मेरा नाम विमला है और मेरी उम्र 45 साल है और मेरी एक बेटी भी है और एक दामाद हैं मेरी बेटी की उम्र 20 साल है और दामाद का नाम अनिल है उसकी उम्र 30 साल है और मैं अपने घरवाले से कभी भी संतुष्ट नहीं हुई थी क्योंकि मेरा घर वाला मेरे से 15 साल बड़ा था मेरी शादी छोटी सी ही उम्र में ही कर दी थी और मैं जवानी के आखरी स्तर पर हूँ ये बात आज से 2 महिने पहले है जब मेरी बेटी प्रेग्नेट थी और मेरी आँख तो पहले से ही दामाद पर थी |
जब मैं अपने बेटी के घर पर गयी थी तो मैने छुप कर देखा की मेरी बेटी को घोड़ी बनाकर अनिल जोर जोर से चोद रहा था और जब अनिल ने मेरी बेटी की चूत से अपने लंड को बाहर निकाला तो उसका लंड देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया तब से ही अनिल को देखने की नजर बदल गयी थी और मैं भी कई टाइम से लंड की प्यासी थी क्युकी मेरे पति मुझे चोद ही नही पाते थे उनका एक मिनट में ही डीला पड़ जाता था |
अब मेरी बेटी का 8 महिना चल रहा था और उससे घर काम नही होता था इसलिए में अपनी बेटी घर 1-2 महीनों के रहने गयी और इस उम्मीद में भी गयी की अब अपने दामाद से चुद कर ही वापिस आउंगी |
एक दिन मैने अपने दामाद को अपने कमरे में मुठी मारते देखा मुझे समझ आ गया की अनिल भी 4-5 महीनों से चूत का प्यासा है और मुठ से अपना काम चला रहा हे मैंने उसे मेरी तरफ उकसाने का प्लान बनाया |
मेरे दामाद मुझे आवाज़ लगा रहा था मैंने कहा में कमरे में हूँ और मैंने जानबूझकर अपनी कमीज को उतार दिया जब मेरे कमरे में दामाद आया और उसने मुझे ब्रा में देखा तो उसका लंड खड़ा हो गया और मेरे मोटे मोटे बूब्स देखकर उसके मुंह में पानी आ गया और बोला सोरी और कमरे से बाहर चला गया |
अब उसका भी मुझे देखने का नजरिया बदल गया अब मैंने आग तो लगा दी थी दामाद के लंड को पर हम दोनों एक दुसरे को कुछ कह नही पा रहे थे फिर मेरे दामाद ने मुझे कहा सासु जी क्या आप मेरे साथ बाजार चलोगे और मैं अपने दामाद के साथ बाज़ार चली गयी और अनिल बार बार बाइक की ब्रेक मार रहा था में समझ गयी की जो मैं चाहती हूँ वही अनिल भी चाहता हे और मैं भी अपने बूब्स को अनिल के शरीर से टच करवाने लगी और अनिल को बहुत मजा आने लगा क्युकी में अपनी बेटी से जयादा सेक्सी लगती हूँ और मुझे मजा आ रहा था अब हम दोनों में साफ़ हो गया था बस किसी ने कहने की हिम्मत नही थी |
हम बाज़ार से घर आ गये और मेरी बेटी सो रही थी |
मैंने दामाद को कहा :- आप मेरे ही कमरे में चलो में आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ |
मैं भी चाय बनाकर कमरे में चली गयी और हम दोनों एक दुसरे से हस कर बाते कर रहे थे |
अनिल बोला :-सासु आप थक गये होंगे मै आपका बदन दबा देता हूँ जैसे ही अनिल ने मेरे बदन को टच किया मैं तो पानी पानी हो गयी थी अनिल धीरे धीरे मेरे कंधो को दबा रहा था और उसका भी मुड बन गया उसने धीरे-धीरे अपने दोनों हाथ मेरी कमीज में डाल दिए और नंगे बूब्स को मसलने लगा |
मैंने कहा :- दामाद जी ये क्या कर रहे हो |
अनिल बोला :- सासु जी आज मत रोको मुझे भी पता हे आप भी यही चाहती हूँ और बोला अब बस रहा नही या रहा |आपको आज जनत की सेर करवाता हूँ |
मैं वासना में डूबी हुई थी वो जोर जोर से मेरे बूब्स को मसल रहा था और मजे से मेरी आँखे बंद हो गयी |
अनिल ने मुझे पकड़ा और बेड पर लिटा दिया और होठो को चूसने लगा और मैं भयंकर तरीके से उसके होंठो को चूसने लगी वो बोला आप तो अपनी बेटी से भी ज्यादा मजे देती हो |
मैंने कहा :- अभी मजे देखे कहा है तूने जान मैंने अपने दामाद को पकड़ा और मैं उसके उपर आ गयी मैंने धीरे धीरे अनिल के सारे कपड़े उतार दिए और उसके बदन को चूमने लगी |
अनिल बोला :-अब मेरे लंड को मत तरसाओ बस आ जाओ मेरे लोडे के उपर और मेरे लोडे को अपनी चूत के दर्शन दे दो |
मैंने अनिल के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और मन ही मन खुश होने लगी की इतना कडक और मोटा लंड चूत में लेना का मजा ही जायेगा फिर धीरे धीरे अनिल के लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी |
कुछ देर बाद अनिल बोला :-मेरा तो बुरा हाल हो रहा है और मेरी चोटी को पकड़ा और अपने पुरे लंड को मेरे मुंह में डाल दिया और मैं भी जोर जोर से उसके लंड को चूसने लगी और लंड चूसते चूसते मेरे मुंह से पानी बाहर आ रहा था और थोड़ी देर बाद अनिल के लंड ने मेरे मुंह में ही अपने पानी को छोड़ दिया और मजे से मेरा मुंह भर दिया और मैं भी रस समझकर सारा मजा पी गयी अनिल ने मेरी गांड पर एक जोर से चांटा लगाया और बोला सासू जी आपने तो चूस चूस कर ही मेरा पानी निकाल दिया |
बेड पर लेट गया मेरा अभी भी चूत की आग शांत नही हुई थी मैंने अनिल के डिले लंड के उपर लगे मजे को चाटने लगी और उसका फिर मुड बना दिया मैंने अनिल के दोनों तरफ टाँगे करके उसके लंड को हाथ में लिया और अपनी चूत पर सेट किया और धीरे धीरे उसके लंड बैठने लगी और जैसे जैसे लंड मेरी चूत के अंदर जा रहा था |
मेरी अह्ह्ह्हह आह्ह जैसी आवजे निकल रही थी मैंने लंड को पूरा अपनी चूत के अंदर ले लिया आज पहेली बार मुझे इतना दर्द हुआ हे फिर अनिल ने मुझे कमर से पकड़ा और अपने ऊपर जोर जोर से कुदवाने लगा |
थोड़ी देर बाद मैंने कहा :- दामाद जी मुझे मेरी बेटी की तरह घोड़ी बनाकर चोदो मुझे |
उसने कहा :- आपको कैसे पता |
मैं हस कर बोली :- मैंने आपको देखा था ये सुनकर उसने मुझे घोड़ी बना दिया |
मेरी गांड पर चांटे मारने लगा और एक झटके में लंड को मेरी चूत में डाल कर मारते हुए मुझे जोर जोर से चोद रहा था |
मैं बोली :- दामाद जी आज इतना चोदना मुझे मेरी चूत को फाड़ दो फिर थोड़ी देर बाद दामाद का पानी निकल गया और हम दोनों थक गये थे और जोर जोर से हांफ रहे थे ओर हम दोनों बेड पर लेट गये |
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मैं बोली मजा आ गया दामाद जी आपसे चुदने में |
वो बोला :- आप तो अपनी बेटी से भी मस्त माल हो बस मुझे अब चोदने से मना मत करना |
मैंने कहा :- कभी भी नही जब आपका मन करे आ जाना मुझे चोदने |
ऐसे करते करते मुझे अनिल ने उस दिन 3-4 बार चोदा और जब भी मेरा मन करता में चुदने के लिए अपने दामाद के पास आ जाती और उसे जब चोदने का मन करता वो मेरे पास आ जाता और हम दोनों को किसी की भी जरूरत नही है |
कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी कोई गलती हो गयी हो मुझे माफ़ करना