हेलो दोस्तों मैंने अपनी साली के अकलेपन का फ़ायदा उठाया और उसे पकड़ कर चूमने लगा और वो कहने लगी जीजा ऐसे मत करो मुझे अजीब सा लग रहा है और कहती छोड़ दो जीजा जी अब आपको मेरी और साली की कहानी को विस्तार से बताता हूँ |
मेरा नाम सुनील है और मै राजस्थान मै रहता हूँ और मेरी पत्नी का नाम रेशमा है और मेरी उम्र 30 साल है
मेरी पत्नी की उम्र 25 साल हे और मेरी एक साली भी है जिसका नाम दिव्या है जब हमारी शादी हुई थी तब वो बच्ची थी अब दिव्या भी जवान हो गयी और अब उसकी उम्र 20 साल की हो गयी |
मै भी कई टाइम से अपनी पत्नी की चूत को मारते मारते परशान हो गया था और नई चूत की तलास मै था |
अब मुझे भी दिव्या को देखे कई अरसा बीत गया था और मेरी बहन अपने सुसराल गयी थी और साथ मै दिव्या को भी ले आई | मै जब शाम को घर आया तो दिव्या भागकर मेरे गले मिली और जब बूब्स मेरे से बदन से लगे |
मै अपना होश खो बैठा और मेरा लंड भी खड़ा हो गया और मैंने भी दिव्या को कसकर गले लगाया और दिव्या ने मेरे कमर पर चिमटी लगाई और प्यार से बोली छोड़ भी दो जीजा जी
मैंने दिव्या से पूछा कब आई तू दिव्या बोली बहन के साथ आई हूँ मैंने कहा अब तो बहुत बड़ी हो गयी और दिव्या के मोटे बूब्स और मोटी गांड और सेक्सी शरीर मुझे उसकी तरफ खीच रहा था फिर हम दोनों बाते करने लगे |
मैंने पूछा दिव्या कोई बनाया बॉयफ्रेंड दिव्या हसने लगी और प्यार से बोली आप भी ना जीजा जी कैसी बाते कर रहे हो |
बातें करते करते रात हो गयी और हमारे साथ दिव्या भी सो गयी आज मेरा फुल मुड बना हुआ था और रात को मैंने अपनी पत्नी को छूने लगा तो रेशमा बोली आज नही दिव्या है पास में |
मैंने अपनी पत्नी की एक नही सुनी और रेशमा को नंगी करके अपने लंड को चुस्वाने लगा और मैंने देखा की दिव्या जाग गयी थी और हमे छुप-छुप कर देख रही थी और मैं कुछ नही बोला |
मेरी पत्नी को इस बात का पता नही था की दिव्या जाग रही है ही था फिर मै रेशमा को घोड़ी बनाकर घोड़े की तरह चोद रहा था और रेशमा ने अपने मुह पर हाथ रख रखा था और सुनकर दिव्या उठ न जाये और वही दिव्या पूरी रात तक हमारी चुदाई देखती रही |
अब मेरे मन के अंदर जो डर था वो अब नही रहा क्युकी जैसे दिव्या हमे देख रही थी मै समझ गया की दिव्या भी अपनी चूत की आग को शांत करना चाहती है |
अगले दिन रविवार था और मेरी छुटी थी और मेरी पत्नी ने अपनी सेहली के घर जाना था इसलिए वो दिव्या को कह कर गयी की मै शाम तक आउंगी |
मैंने दिव्या से पूछा :- तेरी बहन कहाँ गयी है |
दिव्या बोली:-सेहली के घर पर |
मै सोचने लगा की इसका मतलब मै दिव्या अकेले ही है घर पर और मै इस मौके पर चौका लगाना चाहता था |
फिर मै दिव्या से बात करने लगा और बातो बातो मै मैंने दिव्या को कह दिया दिव्या कल रात को हमारी फिल्म कैसी लगी तुझे वो मेरी बात सुनकर सुन हो गयी |
मैंने कहा बोल :- दिव्या और वहा से कमरे में चली गयी मै भी उसके पीछे चला गया |
मैंने दिव्या को पीछे से जाकर पकड़ लिया और उसकी गर्दन को चूमने लगा और दिव्या बोली क्या कर रहे हो जीजा जी |
मैंने दिव्या की एक बात नही सुनीऔर उसके बूब्स को दबाने लगा दिव्या बोली जीजा जी प्लीज् ऐसे मत करो फिर मैंने दिव्या को कहा इ लव यू दिव्या मै तेरे से बहुत प्यार करता हूँ दिव्या ने मुझे मना किया और कहा आप मेरे बहन के पति हो यह सब ठीक नही है और मैंने दिव्या की बात को अनसुना किया और उसके होठो को चूसने लगा |
दिव्या मुझे धक्के मारने लगी मैंने भी उसे कसकर पकड़ा हुआ था उसने अपने आप को छुड़ाने के लिए बहुत कोशिश की पर उसकी एक नही चली मै लगातार दिव्या के होंठो को चूस रहा था अब दिव्या भी वासना मै डूबने लगी अब वो भी अपने होंठो को चलाने लगी और भयंकर तरीके से चूसने लगी करीब दस मिनट से हम दोनों एक दुसरे को चूस रहे थे |
मैंने दिव्या को पकड़ा और बेड पर बिठा दिया फिर उसकी कमीज को उतारने लगा तो दिव्या ने मुझे रोक दिया और बोली जीजा जी यह सब कुछ ठीक नही है अगर बहन को पता चल गया तो ?
मैंने कहा :- कौन बतायेगा ?
मैंने उसकी कमीज को उतारा और उसकी ब्रा पहनी हुई थी मै ब्रा के ऊपर से उसके मुलायम बूब्स को दबाने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा और उसके होंठो को किस कर रहा था वो भी धीरे धीरे बेड पर लेट गयी |
मैंने उसकी ब्रा को उतारा और बूब्स को देखने मै मजा आ गया क्युकी मेरी पत्नी के मुमे लटके हुए थे और उसके ताज़े माल की तरह थे मै उसके बूब्स के दूध को पिने लगा और मुझे दूध पिने मै बहुत मजा आ रहा था |
मैंने एक हाथ से दुसरे बूब्स को दबाने लगा और दिव्या बोली जीजा थोडा धीरे दर्द हो रहा हे फिर मैंने दिव्या की लेगिग को उतार दी और पेंटी को भी उतार दिया फिर अपने मोटे काले रंग के लंड को बाहर निकाल दिया और दिव्या के हाथ में पकड़ा दिया और दिव्या भी हिलाने लगी |
दिव्या की चूत के ऊपर थोड़े छोटे और भूरे भूरे बाल थे मैंने अपने मुंह से थूक निकाली और उसकी चूत पर रगड़ने लगा और वो मुंह से मादक मादक आवजे निकालने लदी आह्ह्ह…… हाए ……..आआअह्ह्ह्ह ……..
मैंने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और दिव्या की चूत पर रगड़ने लगा दिव्या ने अपनी चूत पर हाथ रख लिया दिव्या बोली जीजा जी ये पहली और लास्ट बार है मैंने कहा एक बार अंदर ले तो सही अपने आप आएगी तू तो मेरे पास तो मेरे काले लंड को लेने के लिए |
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और दिव्या ने अपने मुंह से थूक निकाली और मेरे काले लंड पर लगा दी मैंने जोर झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गयी और सांस सी रुक गयी और कहने लगी जीजा जी जल्दी बाहर निकालो बहुत दर्द हो रहा |
मेरी तो जान जा रही है प्लीज् प्लीज् आह्ह्ह… मर गयी …. आये ….मम्मी ……
मैंने जब दिव्या की चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से खून आ रहा था मैंने दिव्या को कहा की तूने मुझे बताया क्यों नही तेरी सील्पैक चूत है |
दिव्या बोली :-आपने मौका कब दिया मुझे कुछ बोलने के लिए बस बुखे शेर की तरह टूट पड़े मेरी चूत को चोदने में |
मैंने फिर से जोर से झटका मारा और मेरा लंड दिव्या की चूत को फाड़ते हुआ सारा अंदर गुस गया और जोर जोर से चिलाने लगी आआह्ह्ह्ह….. मर गयी .. चूत फट गयी मेरी तो आह्ह्हा …. मम्मी …..बाहर नकलों इसे प्लीज जीजू …….
मैंने दिव्या के होंठो को चूमने लगा और दिव्या को शांत करने लगा थोड़ी देर बाद दिव्या को दर्द का मजा आने लगा मै लंड को अंदर बाहर करने लगा और दिव्या को भी मजे आने लगे दिव्या ने मुझे दोनों हांथो से पकड़ा और अपनी चूत में जोर जोर से झटके मरवाने लगी और बोली और जोर जोर से चोदो मुझे मेरी चूत को फाड़ दो…..
ऐसे करते करते मैंने दिव्या को शाम तक चोदा कभी घोड़ी बनाकर कभी उसे अपने ऊपर बिठाकर और उसकी कई टाइम से लगी आग को शांत किया और मुझे भी बहुत मजा आया दिव्या की सीलपैक चूत को चोदने में |
जब भी दिव्या को मौका मिलता तो मेरे पास आ जाती अपनी चूत को चुदवाने और उसे मेरे काले लंड कि आदत पड़ गयी थी |
दोस्तों कैसी लगी मेरी साली की कहानी कमेंट करके जरुर बताना और कोई गलती हो गयी तो मुझे माफ़ करना |
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