पड़ोसन आंटी की चुदाई की कहानी

मैं अपने मामा के लड़के की शादी में गया और वहां मुझे उनके पड़ोसी सेक्सी आंटी से नैन मटका हो गया और रात को आंटी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मैं छुप कर धीरे से आंटी के कमरे में चला गया और आगे मैने देखा कि आंटी नाइटी पहन कर बेड पर लेटी हुई थी फिर क्या….चलो मेरी कहानी के मजे लेते है

आंटी की हिंदी XXX कहानी में मेरा नाम यश है और मैं 21 साल का हूँ और मैं दिखने में ठीक-ठाक सा हूं और मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है ओर मेरे लन्ड 8 इंच का है और मुझे आंटियों को चोदने में बहुत मजा आता है क्योंकि आंटी चुदने के लिए जल्दी मान जाती है ओर बड़े ही मजे देती है चुदाते हुए|

आज मैं आपके लिए लेकर आया हु। मेरी सच्ची घटना जो बस 6 महीने पहले मेरे साथ हुई थी |

आज मैं इस कहानी के जरिए आपको बताता हूं कि मैने कैसे शादी में पड़ोसी आंटी को पटा कर उन्ही के घर में कैसे चोदा?

कुछ दिन बाद मेरे मामा जी लड़के की शादी थी और मम्मी के पास मामा जी का फोन आया थी कि यश को 10 दिन पहले ही भेज देना शादी की तैयारी के लिए और मम्मी ने मुझे 10 दिन पहले ही मामा जी के घर पर भेज दिया था !

जब मैं मामा जी के घर पर गया तो मामा जी ने शादी की तैयारी का जिम्मा मुझे दे दिया मेरे मामा जी का घर छोटा था इसलिए मेहमानों की व्यवस्था उनके पड़ोसी के घर पर की थी |

जब हम शादी के लिए बाजार से समान लेकर आए तो मामा जी ने मुझे पड़ोसी के घर में भेजा समान रखने के लिए जब मैं उनके घर पर गया तो मैने एक खूबसूरत आंटी को देखा |

आंटी को देखते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया आंटी के बड़े बड़े बूब्स और भरा हुआ बदन ओर मटकती हुई मोटी गांड मेरा तो मन करने लगा कि आंटी को यही पकड़ कर चोद दूं फिर मैने अपने आप को कंट्रोल किया |

आंटी का नाम रोशनी था और उनके बूब्स का साइज 34 का और गांड का साइज 42 था मेरा लन्ड आंटी की गांड का दीवाना हो गया था |

मैं जब आंटी से कमरे की चाभी लेने लगा तो मैने आंटी का हाथ पकड़ कर मसलने लगा फिर आंटी ने अपने हाथ को पीछे कर लिया पर आंटी मेरे इरादे समझ गई थी पहली बार में ही और आंटी भी एक छोटी सी स्माइल देकर अंदर चली गई |

अब मैं आंटी को पटाने की कोशिश करने लगा |

मैं बहाने से आंटी के घर जाने लगा और आंटी भी मुझे अच्छी तरहा जान चुकी थी और मैं आंटी के घर पर जाकर आंटी से बाते करता था एक दिन आंटी को बाजार जाना था |

तो आंटी ने मामा को कहा और मामा ने मुझे कहा फिर मैंनेआंटी को बाइक पर बिठाया और आंटी को बाजार ले गया मै जान बुझकर बाइक की ब्रेक मारने लगा और वही आंटी भी चालू थी और आंटी भी मेरे जिस्म से चिपक गयी और आंटी ने हस कर कहा की क्या इरादा है |

मैंने बिना डरते हुए आंटी को कहा की इरादा तो आपको पटाने का ही है पर आप पट नही रही हो |

आंटी हस कर कहा की क्यों मजाक कर रहे हो |
मैंने वही ही बाइक की ब्रेक मार ली और आंटी का हाथ पकड़ा और कहा आंटी सच में मै आपसे बहुत प्यार करता हूँ
आंटी मेरी बात सुनकर सुन पड़ गयी |

फिर आंटी ने कहा कोई बात नही सोच कर बता दूंगी अब घर चल अब मैंने आंटी को कह तो दिया पर डर लगने लगा मुझे और मैंने आंटी को घर छोड़ा और अपना काम करने लगा |

वही शाम हो गयी और रिश्तेदार भी आ गये और मामा ने आंटी के पास मुझे भेजा कमरे की चाभी लाने के लिए जब मै चाभी लाने गया तो आंटी छत पर थी |

मैंने जैसे ही आवाज़ लगाई तो ऊपर से आवाज आई और आंटी ने कहा उपर आ जाओ |

मै डरते डरते छत पर चला गया और आंटी ने कहा क्या काम है

मैंने कहा की कमरे की चाभी चाहिए आंटी ने कहा निचे चलो में दे देती हूँ

जैसे ही आंटी नीचे जाने लगी तो मैंने डरते डरते आंटी को कहा की आपने अभी तक बताया नही है और आंटी मेरी बात सुनकर हस कर निचे जाने लगी और मै समझ गया आंटी की हाँ है |

आंटी की चुदाई की कहानी में मै भी जल्दी से आंटी के पीछे चला गया और आंटी कमरे के अंदर चाभी लेने लगी और मै पीछे चला गया चाभी अलमारी के उपर थी और आंटी चाभी को उठाने लगी और आंटी की पटली कमर देखकर मेरा मन खराब हो गया |

मैंने आंटी को पीछे से पकड़ लिया और आंटी की गर्दन को चूसने लगा आंटी छोड़ो कोई आ जाएगा और आंटी को भी मजा आने लगा मैंने कहा कोई नही आएगा |

मैंने आंटी को दिवार से चिपका लिया और आंटी के होठो को चूसने लगा आंटी भी मजे से मेरे होठो को चूस रही थी और मेरी पीठ को मसल रही थी आज आंटी भी चुदना चाहती थी |

फिर मै आंटी के बूब्स को दबाने लगा और आंटी भी मेरे लंड को हिलाने लगी और मेरे लंड को लोडे में बदल दिया |

मैंने आंटी की कमीज में हाथ डाला और आंटी का एक बूब्स बाहर निकाल लिया और चूसने लगा और दुसरे हाथ से आंटी की चूत को मसलने लगा |

अब हम दोनों वासना में डूब गये थे |

फिर मैंने आंटी की सलवार के अंदर हाथ डालकर उनकी चूत को मसलने लगा भी आंटी अहह आःह्ह आः और आंटी मेरे होठो को चूसने लगी फिर आंटी ने होठ चूसते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगी |

फिर आंटी को लंड चूसने का बहुत शोंक था फिर आंटी अपने घुटने के बल बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और हिलाने लगी |

फिर धीरे धीरे आंटी अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी और धीरे धीरे आंटी ने लंड को मुंह में ले लिया और मुझे बहुत अजीब सा लगा था और आंटी गपागप मेरे लंड को चूस रही थी |

फिर मैंने आंटी के बालो को पकड़ा और अपने लंड और जोर जोर से चुस्वाने लगा और मुझे बहुत मजा आ रह था आंटी बड़े मजे से चुपे मार रही थी और अपने मुंह से सफ़ेद रंग की जाग निकाल रही थी |

फिर थोड़ी देर बाद आंटी ने चूस चूस कर ही मेरा पानी निकाल दिया और मेरे पानी से आंटी का मुंह भर गया |

आंटी मजे को आम रस समझ कर पी गयी अब मेरा भी लंड डिल्ला पड़ गया था अब मै आंटी को चोदने ही वाला था की हमे किसी के आने की आवाज आई |

हमे पता चला की वो आंटी का पति था उसके आने से पहले ही हमने अपने कपड़े ठीक कर लिए और अंकल आंटी को कहते की आज मुझे कोई काम है और मै कल आऊंगा और अंकल यह कहकर नहाने चले गया |

मैंने आंटी से चाभी ली और साथ में आंटी का फोन नंबर भी ले आया और आंटी ने भी मेरा फ़ोन नंबर ले लिया |

इस कहानी को आगे पढने के लिए जुड़े रहे देसी वासना कहानी पर की मैंने कैसे आंटी को चोदा?

तो चलिए दोस्तों अगली कहानी में हिलाना मत अभी कहानी बाकी है अगली कहानी में मिलते है !

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