मेरा नाम पुनीत है और मै 20 साल का लड़का हूँ और मै देखने मै बहुत सुंदर और हॉट हूँ पर मै चूत का बहुत शौकीन हूँ और मै सिर्फ चूत का दीवाना हूँ और मुझे तो बस चूत चाहिए थी
मुझे किसी को भी पटाने का बहुत बढ़िया तरीका है और मैंने बहुत आंटी और भाभी को चोदा है
मै किसी काम को लेकर दिल्ली गया हुआ था और दिल्ली की लड़कियां देखकर मेरा लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था
अब मेरा चोदने का बहुत मन कर रहा था और अब मै चूत की तलाश कर रहा था |
आज की हिंदी सेक्स स्टोरी में गाजियाबाद जाने के लिए मेट्रो पर चला गया और वही मेरे पास एक नेहा नाम लडकी बैठी थी |
नेहा की उम्र लगभग 25 साल की होगी नेहा के बदन से नशीली सी खुशुबू आ रही थी और उस खुसबू से मैं पागल सा हो गया था |
उसका साइज़ 30 28 38 का था और उसके बड़े बड़े बूब्स देखकर मेरे मुंह मै पानी आ रहा था मै उसके पास में ही बैठा था और मै उससे बिलकुल चिपककर बैठा था
फिर मैंने उसे बाते करने शुरु की और वो भी मेरे से प्यार से बाते करने लगी और बातो बातो में मैंने उसके नंबर ले लिया |
फिर गाज़ियाबाद आ गया और मै अपने काम पर चला गया और रात को उससे फोन पर करना शुरू कर दिया पूरी रात बाते करने के बाद उसे मिलने के लिए मना लिया |
मुझे 2 दिन का काम था इसकिये मैंने एक होटल में रूम ले रखा था |
सुबह मैंने उसे फ़ोन किया तो उसने कहा मै अभी दिल्ली के कश्मीरी गेट से रवाना हुई हूँ मेट्रो पर हूँ, बस आ रही हूँ
अब मै अपने कमरे में तो लेकर जा नही सकता था फिर मैंने ओयो पर रूम बुक किया फिर उसको लेने के लिए चला गया और वो भी मेट्रो से बाहर आ गयी थी |
मैंने उसे साथ लिया और रूम में चले गये वो भी चुदने को तडप रही थी मै साफ साफ उसकी आँखों में वासना देख रहा था |
मैंने होटल के कमरे को बंद किया
नेहा को बांहों में लेकर बेड पर बिठा दिया कुछ टाइम हम दोनों एक दुसरे के हाथ में हाथ डालकर प्यार भरी बाते कर रहे थे |
बातो बातो मै धीरे धीरे नेहा के पास जाने लगा और उसे बेचनी होने लगी और उसकी भी साँसे फूलने लगी फिर मै अपने हाथ से नेहा के चेहरे को सहलाने लगा और वो भी वासना में डूबने लगी उसकी आनद से आँखे बंद हो रही थी |
फिर मैंने नेहा की गर्दन को अपने हाथो से पकड़ा और धीरे धीरे अपने होठ को नेहा के रसभरे होठो की तरफ लेकर जाने लगा |
नेहा ने भी मेरी पीठ को कसकर पकड़ लिया.
मैंने भी धीरे से अपने होठ नेहा के गुलाबी होठो पर रख दिए और होठो को चूसने लगा और वो भी मेरे होठो को मस्त होकर चूसने लगी और हम एक दुसरे को चूसते चूसते अपने आप बेड पर धीरे धीरे लेट गये |
फिर मै होठो को चूसते हुए नेहा के मुलायम बूब्स को अपने हाथो से दबाने लगा वही नेहा ने भी मेरी पेंट का हुक खोल कर अंदर हाथ डाल लिया और मेरे लंड को हिलाने लगी और साथ में मेरे दो मुलायम अन्डो को सहलाने लगी |
उसने मेरे लंड को लोडे में बदल दिया.
मैंने भी उसके होठो को चुसना छोड़ा और उसकी कमीज को उतारा उसके बड़े बड़े मुम्मे ब्रा झकडे में हुए थे फिर मैं उसके आधे नंगे बूब्स को जीभ से चाटने लगा |
मै मैंने उसकी ब्रा का हुक को खोल दिया जैसे ही हुक खुला उसके बूब्स ब्रा से आजाद हो गये और लटकने लगे जैसे पके हुए आम लटकते है.
मैंने नेहा के लटकते मुम्मे हाथो में पकड़े और एक बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और दुसरे बूब्स को हाथ से जोर जोर से मसलने लगा वही नेहा सिरहा उठी थी अह्ह्ह आह्ह्ह….
फिर मैंने बूब्स को छोड़ा और उसकी लेगिंग को उतारा तो उसने लाल रंग की पेंटी पहनी हुई थी और क्या ही उसकी चूत की खुशुबू आ रही थी मै तो पगला सा गया |
फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतारा उसने कहा जल्दी करो जान मैंने काम पर भी जाना है पर में उसे पुरे मजे से चोदना चाहता था फिर मैंने सोचा फिर कभी जी भरकर चोदुंगा एक बार इसकी चूत में अपने लंड की जगहा बना लेता हूँ.
मैंने अपनी पेंट को निचे किया और अपने काले लंड को बाहर निकाला और नेहा की चूत पर रगड़ने लगा नेहा ने कहा थोडा सा ही अंदर डालने दूंगी पूरा नही लुंगी मैंने कहा हां उपर उपर ही रखूँगा |
फिर मैंने अपनी मुंह थूक निकाली और नेहा की चूत पर लगाने लगा तो नेहा ने मेरा हाथ को पकड़ लिया और थूक लगाने को मना कर दिया
उसने कहा जान तेल लगा लो थूक नही लगाने दूंगी नेहा ने अपने बेग से कुछ चिपचिपा सा सामान निकाला और मेरे लंड पर लगा दिया
मैंने अब धीरे धीरे चूत के अंदर लंड को घुसा रहा था मुझे क्या पता था की वो क्रीम इंतनी चिकनी होगी जैसे जैसे में थोडा सा लंड चूत के अंदर गया तो नेहा अहह आह आह मजा आ रहा है पर मेरे से रहा नही जा रहा था ना ही धीरे मुझे मजा आ रहा था |
मैंने तो ऐसे धीरे से धक्का लगाया था क्रीम करके एकदम मेरे झटके से पूरा लंड चूत के अंदर घुस गया वही नेहा जोर जोर चिलाने लगी अह्ह्ह आह्ह आह मर गयी मम्मी कुत्ते बाहर निकाल तेरे बाप को मार दिया |
नेहा लंड को बाहर निकालने के लिए झटपटाने लगी पर मैंने नेहा को कसकर कर पकड़ रखा था और मै उसको शांत करने के लिए उसके होठो को चूसने लगा |
नेहा की आँखों से आंसू आ रहे थे प्लीज् प्लीज् बाहर निकाल यार मेरी जान जा रही है
मै उसके होठो को चूसते चूसते अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा वही धीरे धीरे शांत हो गयी और उसे भी दर्द का मजा आने लगा वही मेरा भी लंड चूत में अपनी जगहा बना चूका था और मै उसे जोर जोर से चोदने लगा |
फिर जोर जोर से चोदने से मेरा भी मजा निकल गया उसकी चूत के अंदर और में बेड पर लेट गया और नेहा के बदन को चूमने लगा
वही चुमते चुमते मेरा लंड फिर से कडक हो गया वही नेहा का भी फ़ोन आ गया उसने दूसरी बार चुदने को मना कर दिया और अपनी गीली चूत को बेड की चादर से साफ किया और अपने कपड़ो को पहना और काम पर चली गया|
दुसरे दिन मैंने नेहा को ३ बार चोदा उसकी कहानी फिर कभी बताऊंगा आपको |
ऐसे मैंने एक अनजान लडकी को चोदा
अब वो मेरी रखेल बन चुकी थी मै जब भी दिल्ली आता तो नेहा को चोद कर ही जाता